मधुमेह में गुड़मार के साथ वैदेही कन्द, भंग कर सकता है जीवन आनन्द
मधुमेह (डायबीटीज) पर पंकज अवधिया का साप्ताहिक स्तम्भ
बुधवार 25 जुलाई, 2018
मधुमेह में गुड़मार के साथ वैदेही कन्द, भंग कर सकता है जीवन आनन्द
मधुमेह के रोगी के पेशाब में खून आ रहा है ऐसा ईमेल जब मुझे प्राप्त हुआ तो मैंने उत्तर दिया कि इस समस्या के लिए जड़ी बूटियों पर शोध कर रहे शोधकर्ता के स्थान पर किसी दक्ष चिकित्सक से परामर्श लेना ज्यादा उचित होगा।
इस उत्तर के बाद मुझे एक और ईमेल प्राप्त हुआ जिसके साथ 100 से अधिक टेस्ट रिपोर्ट थी और अनुरोध किया गया था कि जब सब प्रयास विफल हो गए उसके बाद ही मुझसे संपर्क किया गया है।
इस बीच रायपुर के एक बड़े अधिकारी भी घर तक आ गए और उन्होंने अनुरोध किया कि मैं श्रीनगर जाऊं और वहां एक बार उन सज्जन से मिल कर आऊं।
मैंने उनकी बात मान ली।
श्रीनगर में मुझे बताया गया कि 55 वर्षीय व्यक्ति मधुमेह से पीड़ित हैं।
अब उनकी पेशाब में खून आ रहा है और वे दिन-ब-दिन बहुत अधिक कमजोर होते जा रहे हैं।
मुझे यह भी बताया गया कि वे मधुमेह के लिए स्थानीय चिकित्सक से दवा ले रहे हैं और इससे उन्हें लाभ हो रहा है।
स्थानीय डॉक्टरों द्वारा पेशाब नली के कैंसर की संभावना व्यक्त किए जाने पर वे दिल्ली गए और नाना प्रकार के टेस्ट करवाएं पर उससे इस बात का पता नहीं चला कि क्यों पेशाब नली से खून आ रहा है।
कई महीनो के बाद जब वे पूरी तरह से हार गए तब किसी ने उन्हें मेरे बारे में बताया और यह भी बताया कि मैं डॉक्टर नहीं हूं केवल जड़ी बूटियों पर अनुसंधान कर रहा हूं।
उन्होंने मुझे रिपोर्ट भेजने के बाद श्रीनगर आने का अनुरोध किया और मेरी यात्रा का भी प्रबंध किया।
उन्होंने बताया कि उनके खान-पान में किसी भी तरह की कमी नहीं है और उनका स्वास्थ्य अक्सर ठीक ही रहता है।
जब मैं उनके पास बैठा था तब मुझे उनके परिवार जनों ने बताया कि वे एक देसी नुस्खा भी ले रहे हैं जो कि डायबिटीज में उपयोगी है।
मैंने उस नुस्खे के बारे में विस्तार से जानकारी मांगी तो उन्होंने बताया कि यह गुड़मार पर आधारित 10 जड़ी बूटियों वाला मिश्रण है और डायबिटीज में बेहद कारगर है।
मैं बार-बार इस मिश्रण के स्त्रोत के बारे में पूछता रहा।
यह भी पूछता रहा कि इसे आपने कहां से खरीदा या उस वैद्य का नाम बताइए जहां से यह आपको प्राप्त हुआ पर हर बार वे मेरी बात को टालते रहे।
उन्होंने यह अवश्य बताया है कि यह मिश्रण घर में तैयार किया गया है और आवश्यक जड़ी बूटियां या तो बाजार से खरीदी गई हैं या फिर पास के पहाड़ों से एकत्र की गई है।
काफी मशक्कत के बाद वे दस जड़ी बूटियों के बारे में जानकारी देने को तैयार हो गए।
मैंने उन 10 जड़ी बूटियों में से एक कंद की पहचान वैदेही कंद के रूप में की और उनसे पूछा कि इसे आपने कैसे प्रयोग किया?
उन्होंने कहा कि वे पास की पहाड़ियों पर गए और स्थानीय लोगों की मदद से इस कंद को खोजा और फिर अपने मिश्रण में मिलाया।
मैंने उनसे पूछा कि क्या इस मिश्रण को खाने के बाद आधे घंटे तक पेट में हल्का दर्द होता है?
पूरे शरीर में खुजली होने लगती है और रात को हाथ पैरों में बहुत पसीना आता है?
तो उन्होंने सभी प्रश्नों के जवाब में हामी भरी।
अब स्थिति साफ होने लगी थी।
मैंने उन्हें बताया कि इस नुस्खे में गुड़मार के साथ वैदेही कंद का जो प्रयोग किया गया है वही समस्या की जड़ है।
पूरे लक्षण इसी नकारात्मक प्रतिक्रिया के कारण दिखाई पड़ रहे हैं।
कोई भी दक्ष पारंपरिक चिकित्सक भूलकर भी इन दोनों बूटियों को आपस में मिलाकर प्रयोग नहीं करता है।
यदि यह मिश्रण आपको किसी पारंपरिक चिकित्सक से मिला है या किसी वैद्य से तो निश्चित ही उनके रोगी ऐसे लक्षणों से प्रभावित होंगे और उनकी जान पर बन आती होगी।
उन सज्जन ने आख़िरकार खुलासा किया कि उन्हें यह मिश्रण डॉक्टर WhatsApp के माध्यम से मिला।
इस WhatsApp संदेश में यह दावा किया गया था कि इसके प्रयोग से मधुमेह कुछ ही दिनों में पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा और अन्य 40 प्रकार की बीमारियों से शरीर की रक्षा होगी।
उन्होंने डॉ WhatsApp पर आँख बंद कर विश्वास किया और बिना किसी विशेषज्ञ से परामर्श किए अपना दिमाग लगाकर मिश्रण तैयार किया और अनुमोदित मात्रा की दुगनी मात्रा में इसका प्रयोग आरंभ कर दिया।
सब कुछ जानने के बाद मैंने उन्हें कहा कि यदि आप लंबे समय तक इसका सेवन करते तो आपकी जान पर बन आती और फिर उस स्थिति से वापस आना बहुत कठिन था।
अच्छा हुआ जो आपने विशेषज्ञ की सलाह ली।
इससे आपकी जान बच गई।
मैं आपको यही सलाह दूँगा कि आप इसका प्रयोग रोके और फिर परिणाम देखें।
वापस श्रीनगर से रायपुर पहुंचते तक यह खबर आ गई कि अब उनकी हालत में सुधार हो रहा है और 1 सप्ताह बाद ही सारी समस्याओं का पूरी तरह से समाधान हो गया।
© पंकज अवधिया सर्वाधिकार सुरक्षित
परामर्श के लिए समय लेने के लिए ई मेल pankajoudhia@gmail.com
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