मधुमेह में सदासुहागन का अविवेकपूर्ण प्रयोग आपके बालों को कर सकता है गायब
मधुमेह (डायबीटीज) पर पंकज अवधिया का साप्ताहिक स्तम्भ
बुधवार 29 अगस्त, 2018
मधुमेह में सदासुहागन का अविवेकपूर्ण प्रयोग आपके बालों को कर सकता है गायब
परामर्श लेने के लिए आए व्यक्ति के लंबे और घने बाल देखकर मैं आश्चर्यचकित हो गया क्योंकि फीस जमा करते वक्त उन्होंने अपने ईमेल में लिखा था कि उनके सिर पर एक भी बाल नहीं है और इसीलिए वे मुझसे मिलना चाहते हैं।
उन्होंने जब विग निकाला तब उनकी सारी समस्या अपने आप दिखने लगी।
सचमुच उनके सिर पर एक भी बाल नहीं थे।
उन्होंने बताया कि वे पिछले 10 वर्षों से इस समस्या से परेशान है और इसके लिए उन्होंने तरह-तरह के उपाय आजमाएं हैं पर फिर भी उन्हें किसी भी प्रकार का लाभ नहीं हुआ।
वे डायबिटीज और उच्च रक्तचाप से प्रभावित थे और इसके लिए वे जड़ी बूटियों का सेवन भी कर रहे थे।
वे किसी भी प्रकार की अंग्रेजी दवा का सेवन नहीं कर रहे थे।
उन्होंने बालों के लिए तरह तरह के तेल अपनाएं और लंबे समय तक आंतरिक दवाओं का भी सेवन किया पर फिर भी बाल फिर से नही उगे।
बालों पर मेरे शोध को पढ़कर उन्होंने मुझसे मिलने का मन बनाया और परामर्श शुल्क जमा कर मुझसे मिलने आ गए।
मैंने उनसे डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के लिए ली जाने वाली दवाओं के बारे में विस्तार से पूछा ।
उन्होंने बताया कि वे असम के एक पारंपरिक चिकित्सक से डायबिटीज के लिए दवा ले रहे हैं और अगर मैं चाहूं तो वे उनसे पूछकर मुझे फॉर्मूले की पूरी जानकारी दे सकते हैं ।
ब्लड प्रेशर के लिए वे पुणे के एक आयुर्वेदिक चिकित्सक से दवा ले रहे थे।
उनका कहना था कि इन दवाओं ने मधुमेह और ब्लड प्रेशर दोनों पर ही अपना नियंत्रण रखा है ।
मैंने विस्तार से उनसे उनके खान-पान के बारे में जानकारी ली और साथ ही उनके द्वारा अपनाए गए उपायों के बारे में भी विस्तार से जाना ।
जब उन्होंने डायबिटीज का फार्मूला मुझे बताया तो मुझे बस्तर के पारंपरिक चिकित्सकों के द्वारा बताई गई बातें याद आई ।
उन्होंने बताया था कि किसी भी नुस्खे में तृतीयक घटक के रूप में जब सदा सुहागन जिसे सदाफूली या सदाबहार भी कहा जाता है का प्रयोग किया जाता है तब बालों के झड़ने की समस्या शुरू हो जाती है ।
और बाल स्थाई रूप से गायब हो जाते हैं।
मैंने अपने अनुभव से जाना कि जब सदाफुली के साथ नागरमोथा का प्रयोग किसी भी नुस्खे में किया जाता है तो यह समस्या और विकट हो जाती है।
असम के पारंपरिक चिकित्सक के नुस्खे में सदाफूली के साथ नागर मोथा का भी प्रयोग किया गया था ।
यही समस्या की जड़ थी ।
मैंने उन्हें सलाह दी कि वह अपने पारंपरिक चिकित्सक की बात मुझसे कराएं ताकि मैं उन्हें फार्मूले में सुधार की सलाह दे सकूं ।
जब मैंने पारंपरिक चिकित्सक से बात की और बताया कि उनके फार्मूले के कारण बालों के झड़ने की समस्या हो सकती है तो वे तुरंत ही इसे मान गए और उसमें सुधार के लिए तैयार हो गए।
मैंने उन्हें नारद बूटी का सुझाव दिया जिसका प्रयोग वे सदाफूली की जगह पर कर सकते थे।
मैंने उन्हें फार्मूले से नागरमोथा को हटाने को भी कहा और उसके बाद उनका फार्मूला पूरी तरह से ठीक हो गया ।
परामर्श लेने आए व्यक्ति को मैंने उसी फार्मूले को नए रुप में प्रयोग करने की सलाह दी और फिर एक महीने बाद फिर से आने को कहा ।
1 महीने के बाद जब वे फिर मुझसे मिलने आए तो उनकी समस्या का समाधान हो गया था।
जिन स्थानों से बाल पूरी तरह से गायब हो गए थे वहां छोटे-छोटे बाल आने शुरू हो गए थे।
उन्हें आश्चर्य हुआ कि बिना किसी दवा के यह कैसे हुआ।
मैंने उन्हें खान-पान में थोड़े सुधार की सलाह दी और धीरे-धीरे उनकी समस्या पूरी तरह से ठीक हो गई ।
© पंकज अवधिया सर्वाधिकार सुरक्षित
परामर्श के लिए समय लेने के लिए ई मेल pankajoudhia@gmail.com
सम्बन्धित वीडियो
https://youtu.be/KUCGiCZt8xc
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