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मधुमेह के कारण डिमेंशिया, गरुड़ कन्द है दवा बढ़िया

मधुमेह (डायबीटीज) पर पंकज अवधिया का साप्ताहिक स्तम्भ बुधवार 06 जून, 2018 मधुमेह के कारण डिमेंशिया, गरुड़ कन्द है दवा बढ़िया डायबिटीज के कारण होने वाले डिमेंशिया (Dementia)पर शोध कर रहे कनाडा के एक वैज्ञानिक ने मुझसे परामर्श के लिए समय लिया। वे कृष्ण भक्त थे और काफी लंबे समय से भारत में रहकर शोध कर रहे थे । जब वे मिलने आए तो उन्होंने मुझे एक विशेष प्रकार का कंद दिखाया। और कहा कि वे इसे हिमालय के जंगलों से लेकर आए है। यह डायबिटीज के कारण होने वाले डिमेंशिया के लिए बहुत उपयोगी दवा है। मैंने उस कंद की पहचान गरुड़ कंद के रूप में की। उन्होंने बताया कि जब वे जंगल से इसे इकट्ठा करते हैं तो इसमें पर्याप्त मात्रा में औषधि गुण होते हैं। पर वे जब इसकी खेती करते हैं तो ये औषधि गुण समाप्त हो जाते हैं। जंगल में यह दुर्लभ है और असंख्य रोगियों को लाभ पहुंचाने के लिए इसकी उपलब्धता के लिए जंगल पर निर्भर रहना ठीक नहीं होगा। इसीलिए इसकी खेती करना चाहते हैं। मैंने उनसे कहा कि मैं आपकी मदद करूँगा। मैंने उनसे भारत के अमूल्य पारंपरिक ज्ञान Traditional Allelopathic Knowledge की सहायता लेने को कहा।

मधुमेह की दवा से बालों का झड़ना, बीटल के आक्रमण के बाद ही जड़ एकत्र करना

मधुमेह (डायबीटीज) पर पंकज अवधिया का साप्ताहिक स्तम्भ बुधवार 13 जून, 2018 मधुमेह की दवा से बालों का झड़ना, बीटल के आक्रमण के बाद ही जड़ एकत्र करना कुछ वर्षों पूर्व नेपाल के एक जाने माने वैद्य ने मुझसे परामर्श के लिए समय लिया और नियत समय पर मुझसे मिलने आ गए। उन्होंने बताया कि वे मधुमेह की चिकित्सा में महारत रखते हैं और उनका फॉर्मूला पीढीयों पुराना है। यह बेहद कारगर है। वे प्रतिदिन सैकड़ों मरीजों की चिकित्सा करते हैं और दूर-दूर तक उनका नाम है। उन्होंने बताया कि उनके फार्मूले में एक दोष है जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। उनके फार्मूले के प्रयोग के 1 महीने के अंदर ही सिर के पूरे बाल झड़ जाते हैं। यह जानते हुए भी वैद्य अपने मरीजों से बाल झड़ने पर कहते हैं कि ऐसा मधुमेह के कारण हो रहा है न कि उनके फार्मूले के कारण। उन्होंने इंटरनेट पर मेरे द्वारा तैयार की गई मधुमेह पर वैज्ञानिक रपट विस्तार से पढ़ी और उसके बाद फिर मुझसे मिलने का मन बनाया। उनको लगता था कि मैं उनके फार्मूले में सुधार कर सकता हूं और इस बड़े दोष को पूरी तरह से समाप्त कर सकता हूं। मैंने उनसे कहा कि मैं आपकी पूरी मदद क

मधुमेह की दवा से मुंह मे छाले, चुने सागौन के वृक्ष बिना कीड़ों वाले

मधुमेह (डायबीटीज) पर पंकज अवधिया का साप्ताहिक स्तम्भ बुधवार 20 जून, 2018 मधुमेह की दवा से मुंह मे छाले, चुने सागौन के वृक्ष बिना कीड़ों वाले कुछ वर्षों पूर्व दवा बनाने वाली एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के वैज्ञानिक दल के प्रमुख ने मुझसे परामर्श के लिए समय मांगा। जब वे मुझसे मिलने आए तो उन्होंने बताया कि उन्होंने लंबे रिसर्च के बाद मधुमेह के उपचार के लिए एक कारगर फार्मूला विकसित किया है। जिसमें 35 प्रकार की जड़ी बूटियां है। जब उन्होंने इस फार्मूले को चूहे, खरगोश जैसे प्रयोगशाला जीवो पर आजमाया तो उन्हें आश्चर्यजनक सफलता मिली। पर जब इसे मनुष्यों पर आजमाया गया तो बाकी सब तो ठीक रहा पर इसके प्रयोग से मुंह में छाले होने लगे और साथ ही मुंह से सभी प्रकार का स्वाद समाप्त हो गया। स्वाद की समाप्ति अपितु अस्थायी आई थी पर यह फार्मूले का एक बहुत बड़ा दोष था। इसी दोष को दूर करने के लिए वैज्ञानिक प्रमुख मुझसे चर्चा करने के लिए आए थे। मैंने फार्मूले की जांच की। उनसे उनके रिसर्च के बारे में विस्तार से जानकारी ली। मुझे यह फार्मूला बेहद कारगर लगा। सारी जड़ी बूटियां ठीक ढंग से इस में प्रयोग की गई थी औ

मधुमेह में मेटफॉर्मिन, सदासुहागन और बोगनवेलिया एक साथ, बिगाड़े बनती बात

मधुमेह (डायबीटीज) पर पंकज अवधिया का साप्ताहिक स्तम्भ बुधवार 27 जून, 2018 मधुमेह में मेटफॉर्मिन, सदासुहागन और बोगनवेलिया एक साथ, बिगाड़े बनती बात यदा-कदा होने वाली खून की उल्टियों से परेशान होकर मधुमेह के एक रोगी ने मुझसे फोन पर बात करने के लिए समय लिया। मैंने उनसे उनकी पूरी रिपोर्ट मंगाई और उसके बाद फिर फोन में चर्चा के दौरान कुछ उपाय सुझाए। पर इससे उन्हें कुछ विशेष लाभ नहीं हुआ। कुछ समय के बाद उन्होंने फिर से मुझसे संपर्क किया। इस बार वे रायपुर आकर मुझसे मिलना चाहते थे। मैंने उनके आरंभिक परीक्षण किए और उसके बाद एक बार फिर से उन्हें कुछ उपाय सुझाए। पर इस बार भी उन्हें अधिक लाभ नहीं हुआ। और यदा-कदा खून की उल्टी होने का क्रम जारी रहा। उन्होंने आधुनिक और पारंपरिक चिकित्सा का सहारा लिया पर इस समस्या के मूल तक नहीं पहुंच पाए। कुछ महीनों बाद उनकी पत्नी का फोन आया कि अब खून की उल्टियां प्रतिदिन होने लगी हैं और उनकी हालत बहुत अधिक बिगड़ती जा रही है। चूँकि मेरे द्वारा सुझाए गए उपायों से उनको कुछ लाभ हुआ था इसलिए उनकी पत्नी चाहती थी कि मैं नागपुर आऊं और उनका हाल जानू और इस आधार पर उन

मधुमेह के कारण नासूर, महुआ और औषधीय चावल का प्रयोग इसे करे दूर

मधुमेह (डायबीटीज) पर पंकज अवधिया का साप्ताहिक स्तम्भ बुधवार 04 जुलाई, 2018 मधुमेह के कारण नासूर, महुआ और औषधीय चावल का प्रयोग इसे करे दूर कुछ वर्षों पूर्व मुझे राजकोट बुलवाया गया मधुमेह से प्रभावित एक व्यक्ति को देखने के लिए। मुझे खाली हाथ आया देखकर उन्हें बड़ा आश्चर्य हुआ। वे सोच रहे थे कि मैं बहुत सारी जड़ी-बूटियां लेकर आऊंगा और उनकी चिकित्सा में मदद करूँगा। मैंने उनसे कहा कि आप एक डॉक्टर से ऐसी उम्मीद कर सकते हैं पर एक शोधकर्ता से ऐसी उम्मीद करना बेमानी होगा। मधुमेह के कारण उनको जो फोड़ा हुआ था वह नासूर (Diabetic Carbuncle) बन चुका था और किसी भी तरह से ठीक नहीं हो रहा था। मधुमेह पर मेरे शोध कार्य को देख कर उन्होंने मुझे परामर्श के लिए राजकोट आमंत्रित किया था। उन्होंने बताया कि वे सिंथेटिक इंसुलिन ले रहे हैं और साथ में 10 प्रकार के रसों का नियमित सेवन कर रहे हैं। इनमें करेले का रस, लौकी का रस, एलोवेरा का रस, गिलोय का रस, नीम का रस और गेहूं के जवारे का रस शामिल था। इसके अलावा भी बहुत सी घरेलू औषधियां वे ले रहे थे और हाल ही में उन्होंने एक वैद्य से भी दवा लेनी शुरू की थी। ये

मधुमेह की बूटी से अग्नाशय का कैंसर, अधूरा ज्ञान बर्बादी में न छोड़े कोई कसर

मधुमेह (डायबीटीज) पर पंकज अवधिया का साप्ताहिक स्तम्भ बुधवार 11 जुलाई, 2018 मधुमेह की बूटी से अग्नाशय का कैंसर, अधूरा ज्ञान बर्बादी में न छोड़े कोई कसर बहुत कम समय के अंतराल में जब 200 से अधिक ऐसे रोगियों ने मुझसे संपर्क किया जो कि अग्नाशय के कैंसर (Pancreatic Cancer) से प्रभावित थे और उन सब में एक बात आम थी कि वे सभी विदर्भ के एक विशेष क्षेत्र से आए थे। तब मुझे यह सब अजीब लगा। मैंने यह भी गौर किया कि वे सभी मधुमेह से प्रभावित थे और उन्होंने मधुमेह की चिकित्सा के लिए एक विशेष वैद्य से संपर्क किया था। और उनकी दवा लंबे समय तक ली थी। यह बात चौंकाने वाली थी। मैंने निश्चय किया कि मैं एक बार उस वैद्य से मिलूंगा और उसके बाद यह पता लगाने की कोशिश करूंगा कि आखिर क्यों इतनी बड़ी संख्या में अग्नाशय के कैंसर से प्रभावित लोग उनकी दवा लेने के बाद मेरे पास आ रहे हैं। परामर्श के लिए जब मैं उस वैद्य से मिलने विदर्भ पहुंचा तो मुझे पता चला कि एक नहीं दो-दो वैद्य हैं जो कि मधुमेह की चिकित्सा में दक्ष माने जाते हैं और बड़ी संख्या में देशभर के लोग उनसे चिकित्सा करवाने आते हैं। ये दोनों ही वैद्य भाई